50 Best Short Story In Hindi With Moral | नैतिक कहानियाँ हिंदी में

50 Best Short Story In Hindi With Moral 

नीचे नैतिक संदेश वाली 50 लघु कथाएँ दी गई हैं।


कहानी 1: सच्चाई की ताकत

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रघु नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही ईमानदार और सच्चाई के प्रति समर्पित था। एक दिन, रघु को बाजार में एक बटुआ मिला। उसमें बहुत सारे पैसे थे। रघु ने बिना सोचे-समझे बटुए को उठाया और पास के पुलिस स्टेशन में जमा कर दिया।

पुलिस ने बटुए के मालिक को खोजने की कोशिश की और अंततः उन्हें मिल गया। बटुए के मालिक ने रघु की ईमानदारी की प्रशंसा की और उसे इनाम देने की पेशकश की। रघु ने इनाम लेने से इंकार कर दिया और कहा कि सच्चाई का पालन करना ही सबसे बड़ा इनाम है।

नीति: सच्चाई की ताकत सबसे बड़ी होती है।

कहानी 2: मेहनत का फल

एक बार की बात है, एक किसान जिसका नाम रामू था, बहुत ही मेहनती था। वह अपने खेत में दिन-रात मेहनत करता था। उसके पास थोड़ी सी जमीन थी, लेकिन उसने उसे पूरी मेहनत और लगन से फसल उगाई।

गाँव के बाकी लोग रामू का मजाक उड़ाते थे क्योंकि वे उसे छोटे खेत के कारण कमजोर समझते थे। लेकिन रामू ने किसी की परवाह नहीं की और अपने काम में लगा रहा। कुछ महीनों बाद, रामू की फसल बहुत अच्छी हुई और उसने अपनी मेहनत का फल पाया। गाँव के लोग उसकी तारीफ करने लगे और उसकी मेहनत का सम्मान किया।

नीति: मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।

कहानी 3: छोटी-छोटी मदद का महत्व

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहते थे। एक दिन शेर ने चूहे को पकड़ लिया और उसे खाने वाला था। चूहे ने विनती की और कहा, "हे शेरराज, मुझे छोड़ दो। मैं एक दिन आपकी मदद करूंगा।" शेर को यह बात हंसी-मजाक लगी और उसने चूहे को छोड़ दिया।

कुछ दिनों बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फँस गया। उसने बहुत कोशिश की लेकिन वह जाल से बाहर नहीं निकल पाया। तभी, चूहा आया और उसने अपने नुकीले दाँतों से जाल को कुतर दिया। शेर आजाद हो गया और उसने चूहे का धन्यवाद किया।

नीति: छोटी-छोटी मदद भी बड़ी मुश्किलों में काम आ सकती है।


इन कहानियों से हमें सच्चाई, मेहनत, और छोटी-छोटी मदद की महत्ता का पाठ मिलता है।

कहानी 4: लालच बुरी बला है

एक बार की बात है, एक गाँव में मोहन नाम का एक आदमी रहता था। मोहन को सोने का बहुत लालच था। एक दिन उसे जंगल में एक परी मिली। परी ने कहा, "तुम जो कुछ भी छुओगे, वह सोने का हो जाएगा।" मोहन बहुत खुश हुआ और उसने परी से यह वरदान मांग लिया।

अब मोहन ने हर चीज़ को सोने का बनाने की कोशिश की। लेकिन जब उसने खाना खाने की कोशिश की, तो वह भी सोने का हो गया और मोहन उसे खा नहीं सका। उसे एहसास हुआ कि उसका लालच उसके लिए ही नुकसानदायक हो गया है।

नीति: लालच बुरी बला है।

कहानी 5: दोस्ती का असली मतलब

एक बार की बात है, जंगल में दो दोस्त रहते थे, एक बंदर और एक हाथी। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन, जंगल में आग लग गई। बंदर तेजी से पेड़ों पर चढ़ गया और सुरक्षित जगह पर पहुंच गया। लेकिन हाथी अपनी भारी शरीर के कारण आग से बच नहीं पाया।

बंदर ने देखा कि हाथी मुश्किल में है। उसने अपने बाकी दोस्तों को बुलाया और मिलकर हाथी को आग से बाहर निकालने की योजना बनाई। सभी ने मिलकर हाथी को बचाया। हाथी ने अपने दोस्त बंदर और बाकी दोस्तों का धन्यवाद किया।

नीति: सच्ची दोस्ती हमेशा मुश्किल समय में काम आती है।

कहानी 6: सब्र का फल मीठा होता है

एक गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास बहुत ही छोटा खेत था। एक दिन उसे खेत में एक अजीब पौधा मिला। उसने उस पौधे को निकालने की बजाय उसे बढ़ने दिया।

वह पौधा धीरे-धीरे बढ़ने लगा, लेकिन कोई फल नहीं दे रहा था। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाने लगे, लेकिन किसान ने सब्र रखा और पौधे की देखभाल जारी रखी। कुछ वर्षों बाद, उस पौधे पर बहुत सारे फल लगे। वे फल बहुत ही स्वादिष्ट और मूल्यवान थे। किसान ने उन्हें बेचकर बहुत सारा धन कमाया।

नीति: सब्र का फल हमेशा मीठा होता है।

कहानी 7: शिक्षा का महत्व

एक छोटे से गाँव में एक गरीब लड़का रामू रहता था। उसके माता-पिता चाहते थे कि वह पढ़ाई करे, लेकिन वे बहुत गरीब थे और रामू को पढ़ाई छोड़कर काम करना पड़ा। एक दिन, गाँव में एक शिक्षित व्यक्ति आया और उसने रामू को पढ़ने की सलाह दी।

रामू ने अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई की। धीरे-धीरे वह बहुत ही शिक्षित और सफल व्यक्ति बन गया। उसने अपने गाँव में एक स्कूल खोला और वहां के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने लगा।

नीति: शिक्षा का महत्व अनमोल है।

कहानी 8: छोटा काम भी बड़ा होता है

एक छोटे से गाँव में बबलू नाम का लड़का रहता था। वह हमेशा सोचता था कि वह छोटे-छोटे काम करके कुछ बड़ा नहीं कर सकता। एक दिन, गाँव में एक बड़ा मेला लगा। मेले में हर कोई व्यस्त था, और गाँव के बुजुर्गों को मदद की जरूरत थी। बबलू ने सोचा कि वह मेले में मदद कर सकता है।

उसने बुजुर्गों के लिए पानी का इंतजाम किया, उनका सामान उठाया और उनकी सहायता की। मेले के अंत में, सभी ने बबलू की तारीफ की और उसे धन्यवाद दिया। बबलू को एहसास हुआ कि छोटा काम भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।

नीति: कोई भी काम छोटा नहीं होता।

कहानी 9: निःस्वार्थ सेवा का फल

एक जंगल में एक कौआ और एक कछुआ रहते थे। एक दिन कछुआ पानी की तलाश में दूर निकल गया और रास्ता भटक गया। उसे वापस अपने घर जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था। कौआ ने उसे देखा और उसकी मदद करने का सोचा।

कौआ ने कछुए को अपने पंखों पर बिठाया और उसे वापस नदी तक ले गया। कछुआ ने कौआ को धन्यवाद दिया। कुछ दिनों बाद, जंगल में आग लग गई। कौआ फंस गया और उड़ नहीं पा रहा था। कछुआ ने उसे देखा और अपने मजबूत कवच की मदद से उसे आग से बचाया।

नीति: निःस्वार्थ सेवा का फल हमेशा मिलता है।

कहानी 10: दृढ़ निश्चय की शक्ति

एक गाँव में सीमा नाम की लड़की रहती थी। उसे नृत्य करना बहुत पसंद था, लेकिन गाँव के लोग उसे नृत्य करने से मना करते थे। सीमा ने ठान लिया कि वह अपने नृत्य को साबित करेगी। वह दिन-रात अभ्यास करती रही और अपनी कला को निखारती रही।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई। सीमा ने उसमें भाग लिया और अपने शानदार प्रदर्शन से सबको प्रभावित कर दिया। वह प्रतियोगिता जीत गई और गाँव वालों का नजरिया बदल गया।

नीति: दृढ़ निश्चय से सब कुछ संभव है।

कहानी 11: दया की महिमा

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक छोटा हिरण रहते थे। शेर हमेशा हिरण का शिकार करना चाहता था। एक दिन, शेर ने हिरण को पकड़ लिया। लेकिन हिरण ने शेर से विनती की और कहा कि वह बहुत ही छोटा और कमजोर है।

शेर ने दया दिखाई और उसे छोड़ दिया। कुछ समय बाद, शेर खुद एक शिकारी के जाल में फंस गया। वह जोर-जोर से दहाड़ने लगा। उसी समय, वह छोटा हिरण आया और उसने शिकारी का ध्यान भटकाया। शिकारी जब शेर को छोड़कर हिरण के पीछे भागा, तब शेर ने मौका पाकर खुद को आजाद कर लिया।

नीति: दया का फल हमेशा अच्छा होता है।

कहानी 12: आत्मनिर्भरता का महत्व

एक छोटे से गाँव में गीता नाम की एक लड़की रहती थी। वह हमेशा दूसरों पर निर्भर रहती थी। एक दिन, उसकी माँ ने उसे समझाया कि आत्मनिर्भर बनना बहुत जरूरी है। गीता ने इस बात को समझा और खुद से काम करना शुरू किया।

वह खुद पढ़ाई करने लगी, अपने काम खुद करने लगी और धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बन गई। उसने गाँव के बच्चों को भी आत्मनिर्भरता का महत्व समझाया और उन्हें प्रोत्साहित किया।

नीति: आत्मनिर्भरता का महत्व सबसे बड़ा है।

इन कहानियों से हमें सिखने को मिलता है कि छोटा काम भी बड़ा होता है, निःस्वार्थ सेवा का फल मिलता है, दृढ़ निश्चय से सब कुछ संभव है, दया का महत्व है, और आत्मनिर्भरता जरूरी है।

कहानी 13: समय की कीमत

एक छोटे से गाँव में मोहन नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत आलसी था और हमेशा अपना काम टालता रहता था। एक दिन, उसकी माँ ने उसे समझाया कि समय की कीमत समझना बहुत जरूरी है।

मोहन ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और अपने काम को टालता रहा। एक दिन, परीक्षा का समय आ गया और मोहन ने तैयारी नहीं की थी। परिणामस्वरूप, वह परीक्षा में फेल हो गया। उसे एहसास हुआ कि अगर उसने समय की कीमत समझी होती और समय पर पढ़ाई की होती, तो वह सफल हो जाता।

नीति: समय की कीमत समझना बहुत जरूरी है।

कहानी 14: एकता में बल

एक बार की बात है, एक गाँव में चार भाई रहते थे। वे हमेशा आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे। उनके पिता बहुत चिंतित थे। एक दिन, उनके पिता ने उन्हें बुलाया और चार लकड़ी के टुकड़े दिए। उन्होंने कहा, "इन्हें तोड़ो।" चारों ने आसानी से लकड़ी के टुकड़े तोड़ दिए।

फिर उनके पिता ने चारों लकड़ी के टुकड़ों को एक साथ बांध दिया और कहा, "अब इन्हें तोड़ो।" चारों भाइयों ने बहुत कोशिश की, लेकिन वे एक साथ बंधी लकड़ी को नहीं तोड़ पाए। तब उनके पिता ने समझाया कि जैसे ये लकड़ियां एक साथ बंधी हुई हैं, वैसे ही अगर तुम चारों एक हो जाओ, तो कोई भी तुम्हें नहीं तोड़ सकेगा।

नीति: एकता में बल है।

कहानी 15: संतोष का सुख

एक बार की बात है, एक राजा अपने महल में बहुत खुश था। उसके पास सब कुछ था, लेकिन फिर भी वह संतुष्ट नहीं था। उसने अपने राज्य के सबसे संतुष्ट व्यक्ति को खोजने का निर्णय लिया और उसे अपना अनुभव साझा करने के लिए बुलाया।

राजा ने कई लोगों से बात की, लेकिन कोई भी संतुष्ट नहीं था। अंततः उसने एक साधु को पाया जो बहुत ही संतुष्ट और खुश था। राजा ने साधु से पूछा, "आप इतने संतुष्ट कैसे हैं?" साधु ने उत्तर दिया, "मैंने अपनी इच्छाओं को कम कर दिया है और जो मेरे पास है, उसी में खुश रहता हूँ।"

नीति: संतोष का सुख सबसे बड़ा सुख है।

कहानी 16: मेहनत और ईमानदारी

एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक आदमी रहता था। वह बहुत मेहनती और ईमानदार था। हर दिन वह अपनी मेहनत से थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाता और उसे एक बर्तन में जमा करता। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि उसकी मेहनत व्यर्थ है।

कुछ साल बाद, गाँव में एक बड़ी आपदा आई। सभी लोग अपनी संपत्ति खो बैठे, लेकिन रामू ने अपनी मेहनत से जो बचत की थी, उसकी मदद से वह सुरक्षित और सुखी रहा। गाँव के लोग उसकी ईमानदारी और मेहनत की तारीफ करने लगे।

नीति: मेहनत और ईमानदारी का फल हमेशा अच्छा होता है।

इन कहानियों से हमें समय की कीमत, एकता का महत्व, संतोष का सुख, और मेहनत और ईमानदारी का महत्व सिखने को मिलता है।

कहानी 17: अच्छे काम का फल

एक बार की बात है, एक गाँव में गंगा नाम की एक महिला रहती थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और किसी भी मुसीबत में साथ खड़ी होती थी। एक दिन, गाँव में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। गंगा का घर बाढ़ में बह गया और वह बेघर हो गई।

गाँव के लोगों ने देखा कि गंगा मुश्किल में है। वे सभी मिलकर उसके लिए एक नया घर बनाने में जुट गए। गंगा की आँखों में आँसू थे, लेकिन ये आँसू खुशी के थे। उसे एहसास हुआ कि उसके अच्छे कामों का फल उसे मिल रहा है।

नीति: अच्छे काम का फल हमेशा अच्छा होता है।

कहानी 18: विनम्रता की शक्ति

एक बार की बात है, एक गाँव में एक बहुत ही ज्ञानी पंडित रहते थे। उन्हें अपनी विद्वता पर बहुत गर्व था और वे बहुत ही अहंकारी हो गए थे। गाँव में एक साधु आए और पंडित से मिलना चाहा। पंडित ने सोचा कि साधु को उनके ज्ञान का कोई मुकाबला नहीं होगा।

साधु ने पंडित से कुछ सरल प्रश्न पूछे, लेकिन पंडित उनका उत्तर नहीं दे पाए। साधु ने मुस्कुराते हुए कहा, "विनम्रता ज्ञान की असली पहचान है।" पंडित को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने विनम्रता का महत्व समझा।

नीति: विनम्रता की शक्ति सबसे बड़ी होती है।

कहानी 19: दोस्ती की सच्ची परख

एक बार की बात है, दो दोस्त राम और श्याम थे। एक दिन वे जंगल में घूमने गए। अचानक, एक भालू आ गया। राम ने तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचा ली, लेकिन श्याम पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था। उसने जमीन पर लेटकर साँस रोक ली, क्योंकि उसने सुना था कि भालू मरे हुए को नहीं खाते।

भालू श्याम के पास आया, उसे सूंघा और फिर चला गया। राम पेड़ से नीचे उतरा और श्याम से पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" श्याम ने उत्तर दिया, "भालू ने कहा कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में साथ दें।"

नीति: सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में साथ देते हैं।

कहानी 20: ज्ञान की ताकत

एक छोटे से गाँव में सुरेश नाम का लड़का रहता था। वह बहुत गरीब था लेकिन पढ़ाई में बहुत अच्छा था। गाँव के लोग उसे ताने मारते थे कि पढ़ाई से कुछ नहीं होगा। लेकिन सुरेश ने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी।

कई सालों बाद, सुरेश एक बड़ा वैज्ञानिक बन गया और उसने अपने गाँव का नाम रोशन किया। अब वही लोग जो उसे ताने मारते थे, उसकी तारीफ करने लगे। सुरेश ने उन्हें समझाया कि ज्ञान की ताकत सबसे बड़ी होती है और यह कभी व्यर्थ नहीं जाता।

नीति: ज्ञान की ताकत सबसे बड़ी होती है।

इन कहानियों से हमें अच्छे काम, विनम्रता, सच्ची दोस्ती, और ज्ञान की ताकत का महत्व समझ में आता है।

कहानी 21: मेहनत का परिणाम

एक बार की बात है, एक गाँव में रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही आलसी था और हमेशा शॉर्टकट अपनाने की कोशिश करता था। एक दिन, उसके पिता ने उसे एक खेत दिया और कहा कि अगर वह पूरे साल मेहनत करेगा, तो उसे फसल का फल मिलेगा।

रामू ने पहले कुछ दिनों में मेहनत की, लेकिन फिर आलस कर गया। साल के अंत में, जब फसल काटने का समय आया, तो उसे बहुत ही कम फसल मिली। उसे एहसास हुआ कि अगर वह पूरे साल मेहनत करता, तो फसल बहुत अच्छी होती।

नीति: मेहनत का परिणाम हमेशा अच्छा होता है।

कहानी 22: छोटे-छोटे कामों का महत्व

एक छोटे से गाँव में एक बूढ़ी महिला रहती थी। वह हमेशा गाँव के रास्ते पर फैली गंदगी को साफ करती थी। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

लेकिन एक दिन, गाँव में एक बड़े अधिकारी आए और उन्होंने देखा कि गाँव का रास्ता बहुत साफ-सुथरा है। उन्होंने गाँव की तारीफ की और कहा कि यह सफाई के लिए एक आदर्श गाँव है। गाँव के लोगों ने बूढ़ी महिला की तारीफ की और उसके काम का महत्व समझा।

नीति: छोटे-छोटे काम भी बड़ा फर्क ला सकते हैं।

कहानी 23: समझदारी की जीत

एक बार की बात है, एक जंगल में दो बिल्लियां रहती थीं। एक दिन, उन्होंने एक रोटी का टुकड़ा पाया और आपस में झगड़ने लगीं कि इसे कौन खाएगा। तभी, एक बंदर वहाँ आया और कहा कि वह इसे बराबर-बराबर बाँट देगा।

बंदर ने रोटी के दो टुकड़े किए, लेकिन एक टुकड़ा बड़ा था। उसने बड़ा टुकड़ा काटा और छोटा कर दिया। इस तरह से वह बार-बार काटता रहा और अंत में सारी रोटी खा गया। बिल्लियों ने अपनी मूर्खता समझी और सोचा कि अगर वे आपस में समझदारी से बाँट लेतीं, तो अच्छा होता।

नीति: समझदारी से काम लेना हमेशा फायदेमंद होता है।

कहानी 24: आत्मनिर्भरता का महत्व

एक गाँव में एक किसान रहता था। वह हमेशा अपने बेटे को आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा देता था। लेकिन बेटा हमेशा दूसरों पर निर्भर रहता था। एक दिन, किसान बीमार पड़ गया और बेटा घर के सारे काम करने के लिए मजबूर हो गया।

पहले तो उसे बहुत कठिनाई हुई, लेकिन धीरे-धीरे उसने सभी कामों को करना सीख लिया और आत्मनिर्भर बन गया। उसने अपने पिता का धन्यवाद किया और आत्मनिर्भरता का महत्व समझा।

नीति: आत्मनिर्भरता का महत्व सबसे बड़ा होता है।

कहानी 25: अहंकार का अंत

एक बार की बात है, एक गाँव में एक बहुत ही बलवान आदमी रहता था। उसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड था। एक दिन, गाँव में एक बुजुर्ग साधु आए और उसे चुनौती दी कि वह अपनी ताकत को विनम्रता में बदलकर दिखाए।

बलवान आदमी ने साधु की चुनौती स्वीकार की और अपने घमंड को छोड़कर गाँव की सेवा में जुट गया। धीरे-धीरे उसने अपनी विनम्रता से गाँव वालों का दिल जीत लिया और सबने उसकी तारीफ की। उसे एहसास हुआ कि विनम्रता ही असली ताकत है।

नीति: अहंकार का अंत विनम्रता में ही होता है।

कहानी 26: सच्ची खुशी

एक बार की बात है, एक अमीर व्यापारी था। उसके पास धन-दौलत सब कुछ था, लेकिन फिर भी वह खुश नहीं था। एक दिन, उसने एक साधु से पूछा कि सच्ची खुशी कैसे पाई जा सकती है। साधु ने कहा कि सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने में है।

व्यापारी ने साधु की बात मानी और अपने धन का उपयोग गरीबों की मदद करने में किया। धीरे-धीरे उसने सच्ची खुशी का अनुभव किया और उसका जीवन खुशहाल हो गया।

नीति: सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने में है।

कहानी 27: धैर्य का महत्व

एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। उसने अपने खेत में आम का पेड़ लगाया। वह हर दिन पेड़ की देखभाल करता था, लेकिन कई सालों तक पेड़ में फल नहीं लगे। गाँव के लोग उसे ताने मारते थे कि उसका धैर्य व्यर्थ है।

किसान ने धैर्य नहीं खोया और पेड़ की देखभाल जारी रखी। एक दिन, पेड़ में बहुत सारे मीठे आम लगे। किसान का धैर्य रंग लाया और गाँव के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।

नीति: धैर्य का महत्व बहुत बड़ा होता है।

कहानी 28: न्याय का महत्व

एक बार की बात है, एक राजा था जो बहुत ही न्यायप्रिय था। उसके राज्य में सभी लोग खुश थे। एक दिन, एक गरीब किसान राजा के पास आया और शिकायत की कि उसका पड़ोसी उसकी जमीन छीन रहा है।

राजा ने दोनों पक्षों को सुना और न्यायपूर्वक फैसला किया। उसने किसान को उसकी जमीन वापस दिलाई और पड़ोसी को सजा दी। सभी ने राजा की न्यायप्रियता की तारीफ की।

नीति: न्याय का महत्व बहुत बड़ा होता है।

कहानी 29: शिक्षा का महत्व

एक गाँव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके माता-पिता बहुत गरीब थे, लेकिन वे उसे पढ़ाई का महत्व समझाते थे। लड़के ने कड़ी मेहनत की और अपनी पढ़ाई पूरी की। वह बड़ा होकर एक सफल व्यक्ति बना और अपने माता-पिता का सपना पूरा किया।

गाँव के लोग उसकी प्रशंसा करते थे और अपने बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाते थे।

नीति: शिक्षा का महत्व अनमोल है।

कहानी 30: अनुशासन का महत्व

एक बार की बात है, एक गाँव में एक शिक्षक रहते थे। वह हमेशा अपने छात्रों को अनुशासन का महत्व सिखाते थे। एक दिन, गाँव में एक बड़ा तूफान आया। सभी लोग घबराए हुए थे, लेकिन शिक्षक के छात्र अनुशासन में रहते हुए सुरक्षित जगह पर पहुँच गए।

गाँव के लोग उनकी तारीफ करने लगे और अनुशासन का महत्व समझा।

नीति: अनुशासन का महत्व बहुत बड़ा होता है।

इन कहानियों से हमें मेहनत, छोटे कामों का महत्व, समझदारी, आत्मनिर्भरता, अहंकार का अंत, सच्ची खुशी, धैर्य, न्याय, शिक्षा, और अनुशासन का महत्व सिखने को मिलता है।

कहानी 31: वचन का पालन

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक आदमी रहता था। वह हमेशा वादा करता और उसे पूरा नहीं करता। एक दिन, उसके दोस्त ने उससे वादा किया कि वह उसे एक महत्त्वपूर्ण काम में मदद करेगा। लेकिन जब मदद की जरूरत पड़ी, तो दोस्त ने रामू का वादा याद दिलाया और कहा कि वह भी अपने वचन का पालन नहीं करता, इसलिए उसकी मदद नहीं कर सकता।

रामू को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने तय किया कि वह हमेशा अपने वचन का पालन करेगा। धीरे-धीरे गाँव के लोग भी उस पर भरोसा करने लगे।

नीति: वचन का पालन करना बहुत जरूरी है।

कहानी 32: कठिनाईयों का सामना

एक छोटे से गाँव में सोहन नाम का लड़का रहता था। वह बहुत ही डरपोक था और हर छोटी-मोटी कठिनाई से डर जाता था। एक दिन, उसके पिता ने उसे एक चट्टान पर चढ़ने की चुनौती दी। सोहन ने बहुत हिम्मत जुटाई और चट्टान पर चढ़ने की कोशिश की।

पहले तो उसे बहुत डर लगा, लेकिन धीरे-धीरे उसने चट्टान पर चढ़ना शुरू कर दिया और अंत में सफल हो गया। सोहन ने सीखा कि कठिनाईयों का सामना करने से ही सफलता मिलती है।

नीति: कठिनाईयों का सामना करने से ही सफलता मिलती है।

कहानी 33: सत्य की जीत

एक बार की बात है, एक राजा था जो बहुत ही न्यायप्रिय था। उसके दरबार में एक व्यक्ति ने झूठ बोलकर किसी निर्दोष को फंसाने की कोशिश की। राजा ने दोनों पक्षों को सुना और सत्य की खोज की। सत्य का पता चलने पर, उसने निर्दोष व्यक्ति को न्याय दिलाया और झूठ बोलने वाले को सजा दी।

राजा की न्यायप्रियता की तारीफ पूरे राज्य में हुई और लोगों का विश्वास सत्य की ताकत पर और बढ़ गया।

नीति: सत्य की जीत हमेशा होती है।

कहानी 34: परिश्रम का महत्त्व

एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। वह बहुत ही मेहनती था और हर दिन अपने खेत में कड़ी मेहनत करता था। एक दिन, गाँव में एक व्यापारी आया और उसने किसान से उसकी मेहनत के बारे में पूछा। किसान ने बताया कि उसने कभी परिश्रम से पीछे नहीं हटता।

व्यापारी ने किसान की मेहनत देखकर उसे अपने व्यापार में साझेदार बना लिया। किसान की मेहनत और ईमानदारी ने उसे सफलता दिलाई।

नीति: परिश्रम का महत्त्व बहुत बड़ा होता है।

कहानी 35: समय का सदुपयोग

एक छोटे से गाँव में राजू नाम का एक लड़का रहता था। वह हमेशा अपना समय व्यर्थ की चीजों में बर्बाद करता था। एक दिन, उसके शिक्षक ने उसे समझाया कि समय बहुत ही मूल्यवान होता है और इसका सदुपयोग करना चाहिए।

राजू ने शिक्षक की बात मानी और अपने समय का सदुपयोग करना शुरू किया। धीरे-धीरे उसने अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और सफल हो गया।

नीति: समय का सदुपयोग बहुत जरूरी है।

कहानी 36: सच्ची मित्रता

एक बार की बात है, दो दोस्त थे राम और मोहन। दोनों एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। एक दिन, राम बीमार पड़ गया और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मोहन ने उसकी देखभाल की और उसका पूरा ध्यान रखा।

राम ने मोहन की सच्ची मित्रता को समझा और उसकी बहुत प्रशंसा की। दोनों की मित्रता और भी गहरी हो गई।

नीति: सच्ची मित्रता बहुत मूल्यवान होती है।

कहानी 37: छोटी-छोटी खुशियों का महत्त्व

एक छोटे से गाँव में सुमन नाम की एक लड़की रहती थी। वह हमेशा बड़ी-बड़ी खुशियों की तलाश में रहती थी और छोटी-छोटी खुशियों को नजरअंदाज करती थी। एक दिन, उसकी दादी ने उसे समझाया कि छोटी-छोटी खुशियों का भी अपना महत्त्व होता है।

सुमन ने अपनी दादी की बात मानी और छोटी-छोटी खुशियों को महसूस करना शुरू किया। उसने महसूस किया कि छोटी-छोटी खुशियाँ ही जीवन को सच्चे अर्थ में खुशहाल बनाती हैं।

नीति: छोटी-छोटी खुशियों का महत्त्व बहुत बड़ा होता है।

कहानी 38: ईमानदारी का इनाम

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में मोहन नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही ईमानदार था। एक दिन, उसे रास्ते में एक पर्स मिला जिसमें बहुत सारे पैसे थे। मोहन ने बिना सोचे-समझे पर्स को गाँव के मुखिया के पास जमा कर दिया।

मुखिया ने पर्स के मालिक को खोजा और उसे पर्स वापस किया। मालिक ने मोहन की ईमानदारी की बहुत तारीफ की और उसे इनाम दिया। मोहन ने इनाम लेने से मना कर दिया और कहा कि ईमानदारी ही सबसे बड़ा इनाम है।

नीति: ईमानदारी का इनाम हमेशा मिलता है।

कहानी 39: संयम का महत्व

एक बार की बात है, एक राजा था जिसे बहुत ही गुस्सा आता था। उसके मंत्री ने उसे संयम का महत्व समझाने का सोचा। एक दिन, मंत्री ने राजा को एक पौधा दिया और कहा कि इसका ध्यान रखना और इसे हर दिन पानी देना।

राजा ने संयम से पौधे का ध्यान रखा और धीरे-धीरे पौधा बड़ा हो गया और उसमें सुंदर फूल खिलने लगे। राजा ने समझा कि संयम से ही अच्छे परिणाम मिलते हैं और उसने अपने गुस्से पर काबू पाया।

नीति: संयम का महत्व बहुत बड़ा होता है।

कहानी 40: सहयोग की शक्ति

एक बार की बात है, एक गाँव में बहुत सारे लोग रहते थे, लेकिन वे आपस में कभी सहयोग नहीं करते थे। एक दिन, गाँव में एक बड़ा तूफान आया और सभी लोग मुसीबत में फँस गए। गाँव के एक बुजुर्ग ने सबको एकजुट किया और सभी मिलकर एक-दूसरे की मदद करने लगे।

सभी के सहयोग से गाँव के लोग तूफान से सुरक्षित निकल आए। उन्हें एहसास हुआ कि सहयोग में बहुत शक्ति होती है और उन्होंने मिलजुलकर रहने का संकल्प लिया।

नीति: सहयोग की शक्ति बहुत बड़ी होती है।


इन कहानियों से हमें वचन का पालन, कठिनाईयों का सामना, सत्य, परिश्रम, समय का सदुपयोग, सच्ची मित्रता, छोटी-छोटी खुशियों का महत्त्व, ईमानदारी, संयम, और सहयोग की शक्ति का महत्त्व समझने को मिलता है।

कहानी 41: झूठ का परिणाम

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का था जो हमेशा झूठ बोलता था। एक दिन, उसने मजाक में गाँव वालों को बताया कि गाँव में एक शेर आया है। सब लोग डरकर भागे, लेकिन कोई शेर नहीं था। लड़का हँसता रहा।

कुछ दिनों बाद, सचमुच एक शेर गाँव में आ गया। लड़का चिल्लाया, "शेर आया, शेर आया!" लेकिन इस बार किसी ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया और शेर ने गाँव में तबाही मचा दी। लड़के ने समझा कि झूठ बोलने का परिणाम कितना भयानक हो सकता है।

नीति: झूठ बोलने का परिणाम हमेशा बुरा होता है।

कहानी 42: धैर्य और परिश्रम

एक बार की बात है, एक कुम्हार था जो मिट्टी के बर्तन बनाता था। वह हमेशा धैर्य और परिश्रम से काम करता था। एक दिन, उसने एक बहुत ही सुंदर बर्तन बनाया, लेकिन वह बर्तन टूट गया। कुम्हार निराश नहीं हुआ और धैर्य से दूसरा बर्तन बनाना शुरू किया।

अंत में, उसने एक और भी सुंदर बर्तन बनाया जो पूरे गाँव में प्रसिद्ध हुआ। कुम्हार को एहसास हुआ कि धैर्य और परिश्रम से ही सफलता मिलती है।

नीति: धैर्य और परिश्रम से ही सफलता मिलती है।

कहानी 43: मदद का महत्व

एक बार की बात है, एक गाँव में एक गरीब किसान था। एक दिन, उसका बैल बीमार पड़ गया और वह खेती नहीं कर सका। गाँव के लोग उसकी मदद के लिए आगे आए और उसकी खेती में मदद की। किसान का दिल भर आया और उसने सबका धन्यवाद किया।

गाँव के लोगों ने समझा कि मिलजुलकर रहना और एक-दूसरे की मदद करना बहुत जरूरी है।

नीति: मदद का महत्व बहुत बड़ा होता है।

कहानी 44: ज्ञान का प्रकाश

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक विद्वान रहता था। गाँव के लोग उसे समझ नहीं पाते थे और उसकी विद्वता की कद्र नहीं करते थे। एक दिन, गाँव में एक बड़ा संकट आ गया और कोई भी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा था।

विद्वान ने अपने ज्ञान से समस्या का समाधान किया और गाँव वालों को संकट से बाहर निकाला। गाँव के लोगों ने विद्वान की विद्वता की महत्ता को समझा और उसकी सराहना की।

नीति: ज्ञान का प्रकाश हमेशा अंधकार को दूर करता है।

कहानी 45: दया और करुणा

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहते थे। एक दिन, चूहा शेर के पंजे में फंस गया। शेर ने दया दिखाते हुए चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिनों बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। चूहे ने शेर की मदद की और जाल काटकर उसे आजाद कर दिया।

शेर ने चूहे का धन्यवाद किया और समझा कि दया और करुणा का फल हमेशा अच्छा होता है।

नीति: दया और करुणा का फल हमेशा अच्छा होता है।

कहानी 46: मित्रता की शक्ति

एक बार की बात है, एक गाँव में दो दोस्त थे - अर्जुन और सूरज। एक दिन, अर्जुन बीमार पड़ गया और उसके पास दवाईयों के पैसे नहीं थे। सूरज ने अपने सारे पैसे अर्जुन की दवाईयों पर खर्च कर दिए और उसकी देखभाल की।

अर्जुन ने सूरज की मदद की सराहना की और उनकी मित्रता और भी गहरी हो गई। गाँव के लोग उनकी मित्रता की मिसाल देते थे।

नीति: सच्ची मित्रता की शक्ति बहुत बड़ी होती है।

कहानी 47: संयम और संयमित जीवन

एक बार की बात है, एक राजा था जिसे बहुत ही ज्यादा खाना पसंद था। उसके मंत्री ने उसे संयम का महत्व समझाने का सोचा। मंत्री ने राजा को बताया कि अत्यधिक खाना खाने से स्वास्थ्य खराब हो सकता है और संयमित जीवन जीने से ही सच्ची सुख-शांति मिलती है।

राजा ने मंत्री की बात मानी और संयमित जीवन जीना शुरू किया। धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य भी बेहतर हो गया और वह खुशहाल रहने लगा।

नीति: संयमित जीवन जीना बहुत जरूरी है।

कहानी 48: सहनशीलता की महत्ता

एक छोटे से गाँव में एक गरीब महिला रहती थी। वह हमेशा सहनशील रहती थी, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं। एक दिन, गाँव में बहुत बड़ी मुसीबत आई और सभी लोग घबराए हुए थे। महिला ने अपनी सहनशीलता से सभी को संभाला और मुसीबत का सामना करने का साहस दिया।

गाँव के लोग उसकी सहनशीलता की तारीफ करने लगे और उससे प्रेरणा लेने लगे।

नीति: सहनशीलता की महत्ता बहुत बड़ी होती है।

कहानी 49: सही मार्गदर्शन

एक बार की बात है, एक गाँव में एक छोटा बच्चा रहता था। वह बहुत ही शरारती था और हमेशा गलत काम करता था। एक दिन, गाँव के एक बुजुर्ग ने उसे सही मार्गदर्शन देने का सोचा और उसे अच्छे संस्कार सिखाए।

बच्चे ने बुजुर्ग की बातें मानी और सही मार्ग पर चलने लगा। धीरे-धीरे वह गाँव का सबसे समझदार और सम्मानित व्यक्ति बन गया।

नीति: सही मार्गदर्शन से जीवन बदल सकता है।

कहानी 50: कृतज्ञता का महत्व

एक बार की बात है, एक जंगल में एक पेड़ था। पेड़ ने अपने फल और छाया से बहुत से जीव-जंतुओं की मदद की। एक दिन, पेड़ बहुत बीमार हो गया और उसके पत्ते झड़ने लगे। सारे जीव-जंतु पेड़ की मदद के लिए आए और उसे फिर से हरा-भरा कर दिया।

पेड़ ने सबका धन्यवाद किया और सभी ने समझा कि कृतज्ञता का महत्व कितना बड़ा होता है।

नीति: कृतज्ञता का महत्व बहुत बड़ा होता है।