देश प्रेम पर कविताएँ
कविता 1: देश की धारा
देश की धारा में बहते हैं हम,
प्रेम की माला पिरोते हैं हम।
भारत माता की शान बढ़ाने,
हर बलिदान को तत्पर हैं हम।
कविता 2: वीर सैनिक
वीर सैनिकों की गाथा सुनो,
उनकी वीरता को जानो।
सीमा पर जो रातें बिताते,
हमारे देश की रक्षा में जान लगाते।
कविता 3: ध्वज की शान
तिरंगा हमारा गर्व है,
इसके रंगों में हमारी जान है।
उचाईयों में लहराते इसे देख,
हर भारतीय की आँखें नम हैं।
कविता 4: माँ का प्यार
माँ का प्यार है अनमोल,
देश की सेवा है उसका बोल।
धरती माँ की रक्षा में,
जीवन का हर क्षण है समर्पित।
कविता 5: अमर शहीद
अमर शहीदों की गाथा,
कहती है हमें हर बाता।
देश के लिए जो कुर्बान हुए,
उनकी वीरता है अपरम्पार।
कविता 6: स्वतंत्रता
स्वतंत्रता की कीमत,
जो हमने पाई बलिदानों से।
इस धरोहर को सहेजें हम,
अगली पीढ़ी को सिखाएँ हम।
कविता 7: देश की माटी
देश की माटी की खुशबू,
हर भारतीय के दिल में बसी।
इसके कण-कण में बसी है प्रेम कहानी,
हम सबकी है यही जुबानी।
कविता 8: जय जवान
जय जवान, जय किसान,
हमारे देश की है यही पहचान।
सैनिक और किसान, दोनों महान,
भारत माता की करते रक्षा, यही हमारा मान।
कविता 9: स्वाभिमान
देश का स्वाभिमान है ऊँचा,
हर भारतीय का सिर है ऊँचा।
इस धरोहर को सहेजें हम,
देश के प्रेम में जीएं हम।
कविता 10: भारत माता की जय
भारत माता की जय बोलो,
हर दिल से आवाज़ निकालो।
इस धरा पर जन्म लिया है,
इसकी माटी का कर्ज़ चुकाओ।
कविता 11: देश की सेवा
देश की सेवा में जीवन अर्पित,
हर बलिदान को है समर्पित।
भारत की माटी से जन्म लिया,
इसके लिए जीना, इसके लिए मरना।
कविता 12: वीरता की कहानी
वीरता की कहानी सुनाओ,
देशभक्ति का जज्बा जगाओ।
हर सैनिक की वीरता को,
दिल से सलाम पहुँचाओ।
कविता 13: नारी शक्ति
देश की नारी शक्ति महान,
हर क्षेत्र में बना रही पहचान।
देश की सेवा में वे भी आगे,
हर संकट से लड़ने को तैयार।
कविता 14: देश का भविष्य
देश का भविष्य हमारे हाथ में,
नई पीढ़ी को सिखाएँ सच्चाई।
देश प्रेम का भाव जगाएं,
हर दिल में उत्साह भरें।
कविता 15: अमर बलिदान
अमर बलिदान की गाथा,
देशभक्ति का गूंज उठाता।
उनकी शहादत को न भूलें,
देश प्रेम का दीप जलाएँ।
कविता 16: हमारा कर्तव्य
देश प्रेम हमारा कर्तव्य,
इसका पालन करना अनिवार्य।
भारत माँ की सेवा में,
हर भारतीय का जीवन समर्पित।
कविता 17: जवानों की शान
जवानों की शान है भारत,
उनकी वीरता से चमकता है भारत।
सीमा पर वे जो संघर्ष करते,
हम सबकी आँखों में गर्व भरते।
कविता 18: देश की धरती
देश की धरती माँ के चरण,
हम सबकी है यही पहचान।
इस माटी में पले-बढ़े हम,
इसे नमन करते हैं हर क्षण।
कविता 19: एकता का संदेश
एकता में शक्ति है,
हमारे देश की यही पहचान।
मिल-जुलकर रहें हम सब,
देश की रक्षा में आगे बढ़ें।
कविता 20: भारत की माटी
भारत की माटी है महान,
इसकी खुशबू में बसी है जान।
हर भारतीय का है यही सपना,
इसकी रक्षा में हो हर बलिदान।
कविता 21: भारत की शान
भारत की शान में, हम सबका है सम्मान।
इसके गौरव को बढ़ाने में, हमारा है योगदान।
माँ भारती के चरणों में, सारा जीवन करें समर्पण।
कविता 22: देश का प्रेम
देश का प्रेम है निराला,
इसके आगे सब कुछ है हारा।
भारत माता की जय बोलो,
हर दिल से इसको जोड़ो।
कविता 23: वीरता का प्रतीक
वीरता का प्रतीक हमारा देश,
हर सैनिक का है इसमें योगदान।
जिन्होंने दी है अपनी कुर्बानी,
उनका मान-सम्मान रखें हम सब।
कविता 24: तिरंगे की जय
तिरंगे की जय बोलें हम,
हर रंग में प्रेम है गूंजता।
इसकी लहरों में बसी है,
हमारी संस्कृति की मिठास।
कविता 25: सीमा पर प्रहरी
सीमा पर प्रहरी जो खड़े हैं,
उनकी वीरता को नमन करें।
देश की रक्षा में तत्पर,
उनकी गाथा सबको सुनाएं।
कविता 26: देश का अभिमान
देश का अभिमान हमारा,
इसकी रक्षा में है जान हमारा।
माँ भारती के चरणों में,
हर सुख-दुःख करें समर्पित।
कविता 27: वीरता की मिसाल
वीरता की मिसाल जो बने,
उनके कदमों में श्रद्धा रखें।
देश की सेवा में आगे बढ़ें,
उनकी राहों पर चलें हम सब।
कविता 28: देशभक्ति की ज्योत
देशभक्ति की ज्योत जलाएं,
हर दिल में प्रेम का दीपक जलाएं।
भारत माता की आराधना करें,
हर कदम पर उसका मान बढ़ाएं।
कविता 29: स्वाभिमान की धरोहर
स्वाभिमान की धरोहर हमारी,
देशभक्ति की प्रेरणा प्यारी।
भारत की माटी में बसी है,
हमारी हर धड़कन की बात।
कविता 30: हमारी संस्कृति
हमारी संस्कृति की पहचान,
देश प्रेम में बसी है जान।
हर भारतीय का यही सपना,
भारत माँ की सेवा करना।
कविता 31: देश की मिट्टी
देश की मिट्टी की महक,
हर दिल में बसी है।
इसकी खुशबू से महकती,
हमारी सारी दुनिया है।
कविता 32: जवानों की गाथा
जवानों की गाथा सुनाएं,
उनकी वीरता की बात बताएं।
देश के लिए जो कुर्बान हुए,
उनकी यादों को संजोएं।
कविता 33: हमारा भारत
हमारा भारत महान है,
इसकी माटी में जान है।
हर भारतीय का गर्व है,
इसकी सेवा में सब अर्पित है।
कविता 34: नमन करें
नमन करें उन वीरों को,
जो देश की रक्षा में जुटे हैं।
उनकी शहादत को सलाम,
हर भारतीय का है अभिमान।
कविता 35: देशभक्ति की राह
देशभक्ति की राह पर चलें,
हर मुश्किल को सहें।
भारत माँ की सेवा में,
हर पल अपना जीवन अर्पण करें।
कविता 36: वीर जवान
वीर जवान हमारे रक्षक,
देश की सीमा के प्रहरी।
उनकी वीरता को नमन,
हमारी सच्ची श्रद्धा का प्रतीक।
कविता 37: मातृभूमि का प्यार
मातृभूमि का प्यार अनमोल,
इसकी सेवा में जीवन है अर्पित।
भारत माँ के चरणों में,
हर बलिदान को समर्पित करें।
कविता 38: देश का स्वाभिमान
देश का स्वाभिमान हमारी पहचान,
हर दिल में बसे यही अरमान।
भारत माँ की सेवा में,
हर सुख-दुःख को सहें हम।
कविता 39: स्वाधीनता का पर्व
स्वाधीनता का पर्व है महान,
हर दिल में इसका सम्मान।
बलिदानों से मिली है जो आज़ादी,
उसका मोल समझें हर एक भारतीय।
कविता 40: ध्वज का मान
ध्वज का मान रखे ऊँचा,
हर भारतीय का यह कर्तव्य।
इसके रंगों में बसी है,
हमारी संस्कृति और सम्मान।